Home - Uncategorized - जिस एहसास ने मुझे जकड़ा है उसका कोई आकार नहीं, कोई नाम नहीं। अनाकार संवेदनाओं और लहरदार धाराओं में प्रकट – एक पल आंसू, फिर एक मुस्कान लाना; इस लहर को कोई समझ नहीं रहा है। एक गुनगुनाहट मेरे दिमाग से गुजरती है।
बस प्रयास ही करते जाना है। बस दिव्यांग प्रतिभा खोजते जाना है। मदद मिल सके तो बहुत अच्छा नही तो अकेले ही निरंतर प्रयास करते जाना है बस प्रयास ही प्रयास
बस प्रयास ही करते जाना है। बस दिव्यांग प्रतिभा खोजते जाना है। मदद मिल सके तो बहुत अच्छा नही तो अकेले ही निरंतर प्रयास करते जाना है बस प्रयास ही प्रयास